Book Title: Upasakdashangasutram
Author(s): Abhaydevsuri,
Publisher: Agamoday Samiti
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Jain Education
9788008580808
नवमदशमे अध्ययने ।
नवमस्स उक्खेवो, एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी नयरी कोट्ठए चेइए जियसत्तूराया तत्थ णं सावत्थीए नयरीए नन्दिणीपिया नामं गाहावई परिवसइ अड्डे चत्तारि हिरण्णकोडीओ निहाणपउत्ताओं चत्तारि हिरण्णकोडिओ बुढिपत्ताओ चत्तारि हिरण्णकोडीओ पवित्थरपउत्ताओ चत्तारि वया दसगोसाह - | स्सिएणं वएणं अस्सिणी भारिया सामी समोसढे जहा आनन्दो तहेव गिहिधम्मं पडिवज्जइ सामी बहिया विहरइ, तए णं से नन्दिणीपिया समणोवासए जाए जाव विहरइ, तए णं तस्स नन्दिणीपियस्स समणोवासयस्स बहूहिं सीलव्वयगुण जाव भावेमाणस्स चोइस संवच्छराई वइक्कन्ताईं तहेव जेटुं पुत्तं ठवेइ धम्मपण्णतिं वीसं वासाई | परियागं नाणत्त अरुणगवे विमाणे उववाओ । महाविदेहे वासे सिज्झिहि || निक्खेवो ॥ उवासगदसाणं नवमं अज्झयणं समत्तं ॥ ( सूत्रं ५५ )
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दसमस्स उक्खेवो, एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी नयरी कोट्ठए चेइए जियसत्तू तत्थ णं सावत्थीए नयरीए सालिहीीपिया नामं गाहावई परिवसई अड्डे दित्ते चत्तारि हिरण्णकोडीओ निहाणपउत्ताओ | चत्तारि हिरण्णकोडिओ बुढिपत्ताओ चत्तारि हिरण्णकोडीओ पवित्थरपउत्ताओ चत्तारि वया दसगोसाहस्तिएणं वएणं फग्गुणी भारिया साभी समोसढे जहा आणन्दो तहेव गिहिधम्मं पडिवज्जइ, जहा कामदेवो तहा जेट्टं पुत्तं ठवेता
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