Book Title: Upasakdashangasutram
Author(s): Abhaydevsuri,
Publisher: Agamoday Samiti
View full book text
________________
बारस अट्ठारस चउवीसं तिविहं अट्ठरसाइ नेयं । धन्नेण तिचोविसं बारस बारस य कोडीओ॥७॥ उल्लणदन्तवणफले अभिणुव्वट्टणे सणाणे य । वत्थ विलेवण पुप्फे आभरणं धूवपेजाइ ॥८॥ भक्खोयण सूय घए सागे माहुरजेमणऽन्नपाणे य। तम्बोले इगवीसं आणन्दाईण अभिग्गहा ॥९॥ उई सोहम्मपुरे लोलूए अहे उत्तरे हिमवन्ते । पञ्चसए तह तिदिसि ओहिण्णाणं दसगणस्स ॥१०॥ दसण-वय-सामाइय पोसह-पडिमा-अबम्भ-सच्चित्ते।आरम्भ-पेस-उहिट्ठ-वजए समणभूए य ॥ ११ ॥ इक्कारस पडिमाओवीसं परियाओ अणसणं मासे । सोहम्मे चउपलिया महाविदेहम्मि सिज्झिहिइ ॥(सू.५८)
उवासगदसाण दसमं अज्झयणं समत्तं ॥ तथा पुस्तकान्तरे सङ्ग्रहगाथा उपलभ्यन्ते, ताश्चमा:वाणियगामे १ चम्पा दुवे य २-३ वाणारसीएँ नयरीए ६। आलभिया य पुरवरी ५ कम्पिल्लपुरं च बोद्धवं ६॥१॥ पोलासं ७ रायगि ८ सावत्थीए पुरीए दोन्नि भवे ९-१०। एए उवासगाणं नयरा खलु होन्ति बोद्धवा ॥२॥ सिवनन्द १ भद्द २ सामा३धण ४ बहुल ५ पूस ६ अग्गिमित्ता७ या रेवइ ८ अस्सिणि ९ तह फग्गुणी१० य भजाण नामाई॥३॥ ओहिण्णाण १ पिसाए २ माया३ वाहि ४ धण ५ उत्तरिजे ६य। भजाय सुवया७ दुवया ८ निरुवसगया दोन्नि ९-१०॥४॥ अरुणे १ अरुणाभे २ खलु अरुणप्पह ३ अरुणकन्त ४ सिटे ५य। अरुणज्झए ६य छठे भूय ७ वडिंसे ८ गवे ९कीले १०॥५॥
Jain Ede
For Personal & Private Use Only
mjainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 107 108 109 110