Book Title: Unadigana Vivrutti
Author(s): Hemchandracharya, 
Publisher: Lavanyasurishwar Gyanmandir

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Page 124
________________ ३२ शब्द D सूत्रांक सूत्रांक | शब्द सूत्रांक शब्द सूत्रांक शब्द ५० ४१७ ७०६ हनुष हनूष हन्तु हम्मा . 00 6 ५५७ ५६० ७७३ ३२७ . . हयि सृणीक सृणीका सृत्वन् सृत्वरी सुदाकु सृपाट सृपाटी सृप्मन् सृप्र सृप्रा सेचिम १४६ : ४८४ स्फिर १५५ | स्फिवि ४७३ | स्फुलिङ्ग ६०७ स्फुलिङ्गा ५१८ स्यन्दन स्यमीक ४१७ स्यमीका १०६ स्यूम स्योन १११ स्योनाक स्रज्वन् ५५७ ६३८ owwwm m mm स्थण्डिल स्थपुट ९०६ स्थल स्थलि ७५६ | स्थव स्थवि स्थविर स्थाध स्थाणु स्थामन् ३४६ स्थाय स्थाया २६२ स्थाल ३३२ स्थिर ६७७ स्थिवि ३८८ स्थुल हयुषा हरणि हराणक हराहर ७६८ i २७ हरि ९०७ ३५७ ७७३ सेतु सेना स्राक् ८७० १६४ ८८७ हरिण हरित हरित हरिद्रु ४७३ स्राट सिणि २१० सैरिभ सोनि ६४४ ० ६१७ हरिमन् सोम 4 ० is ६११ ९११ स्थूणा = स्रोतस् स्व स्वधा हरिशर्मन् हरीतकी हरीमन् हरेणु m 6 ० ० मी जी की C d U ६१७ ७७२ ८५७ स्वन्न m स्वप्न 8 15 हभ्यं २७ हर्यत स्वयम् स्वर स्वरु हर्षयित्नु हर्षुल ७६७ ४८५ स्वर्ग सोमन् सौक्दिल्ल स्कन्ध स्कन्धस् स्तनयित्नु स्तबक स्तम्ब स्तरी स्तरीमन स्तव स्तवि स्तिभि स्तीणि वि स्तुविस् स्तूप स्तेन स्तोक स्तोम १४ ४६४ स्थूर २५१ स्थूरवाकु ६६० स्थूरा ७६७ स्थूलपृषती स्नय ३२० स्नात्र ७११ स्नायु स्नावन् ६०६ ६१३ स्नेहन् ७०५ स्पर्शान स्पृक्का स्पृहयाय्य २१ स्फटिक ३३८ स्फवि ४५० | स्फार स्नुषा ५४२ ८५३ ६०७ | स्नुहि स्वर्भानु स्वस स्वस्ति स्वाति ७८६ हलहल हलि हविस् ६२० हष्प ९८६ २६६ २०० स्नेहुँ ७१६ स्वादु हस्त स्वाहा ६०३ हस्र २६७ ७६२ ५६४ २६८ २२७ हातु ७७३ ६१८ हनि ३८७ | हनु Aho! Shrutgyanam ६१८ हादि ७६१ हानि ६१८

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