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श्वेताम्बर संकेत चतुर्मुख, प्रष्टबाहु, निंबु, वर्च्छा, ऐश्वर्यं सूचक, दड, कुठार; नकुल ; वज्र, जयमाला, दिगम्बर सकेतचतुर्मुख; प्रष्टबाहु ; ढाल; खडग, धनुशर, प्रन्कुश; पद्म; यालिमा, और वरदा, वाहन - वृषभ, तीर्थंकर नामीनाथ ; २२. यक्ष ( शासन देवता ) - गोमेघ ( श्वे) या सर्वाहण ( दि०) था पुष्पजान ( दि०) श्वेताम्बर संकेत – त्रिमुख, षडबाहु; कलम्बु; कुठार ; यालिमा, नकुल, त्रिशूल; प्रोर वर्च्छा; दिगम्रर सकेत - त्रिमुख, षडबाहु, हातुडी, कुठार, यष्टि, फल वज्र और वरदा मुद्रा, वाहन मुद्रा-नर (श्वे) पुष्पस्य ( दि०) तीर्थंकर_नेमीनाथ
२३ यक्ष ( शासन देवता) पाश्वं (श्वे० ) या धरजेन्द्र (दि०) श्वेता सकेत - सर्पाकार, चतुंबाहु, नकुल, सर्प निबू पोर सर्प, दिगम्बर सकेत-सर्पाकुति, सर्प, पाश और वरदा, वाहन कर्म, तीर्थंकर पार्श्वनाथ
२४ यक्ष ( शासन देवता ) मातन्त्र, श्वेताम्बर सकेत - द्रविवाह नकुल, और निंबु, दिगम्बर सकेत - द्रविवाहु वरदा मुद्रा और निंबू, मस्तकोपरि चर्मचक्र सकेत, वाहन – गज, तीर्थंकरमहावीर या पार्श्वनाथ,
२४ बक्ष या शासन देवियों का वर्णन
[ यक्षी या यक्ष मूर्ति प्रत्येक तीबंकर के बाये चाश्वमे रखी जाती है) १ यक्षी या यक्ष- ऋषभदेव या प्रादिनाथ, श्वेताम्बर सकेत. भ्रष्टबाहु, वरदा मुद्रा शर थालिया, पाश, धनु, वज्र और अकुश, दिगम्बर सकेत - द्वादश या चर्तुबाहु, म्राठ थालियां, मिबफल, वरदा मुद्रा और दो वज्र, वाहन गरुड, यक्षी या यक्ष - चक्रेश्वरी (श्वे) या मप्रतिचक्र दि.
२. यक्षी या यक्ष- प्रजितनाथ, श्वेताम्बर सकेत - वरदा मुद्रा पाश, तुरन्जफल, और प्रकुश, दिगम्बर सकेत_वरदा, अभय -११५