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६. अचल-उत्तर; पश्चिम ज्योतिष्क देव.चन्द्र ; बाहन दश अश्वद्वारा पाखित प श्वेताम्बर सकेत-अमृत पूर्ण कम, दिगम्बर संकेत-अज्ञात; ७. अंचल-उत्तर; ज्योतिष्क देव-युष, वाहन-हंस (श्वे.) सिंह (श्वे.); श्वेताम्बर संकेत-पुस्तक; खडग ; ढाल, गदा, परद, दिगम्बर सकेत-अज्ञात ८. अचल-उत्तर पूर्व,ज्योतिष्कदेव-बृहस्पतिवाहन-हंस (श्वे.) पद्म (दि.) श्वेताम्बर संकेत- पुस्तक; जपमाला; यष्टि, कमडल, वरद; दिगम्बर सकेत-पुस्तक; कमंडल, और जपमाला; अचल-शासन के लिये खास अचल नहीं है, जेतिष्क देव-केतु, वाहन-गोखर सर्प (श्वे०); श्वेताम्बर सकेतगोखर सर्प, दिगम्बर संकेत... प्रज्ञात
भूतनी (सरस्वती) और षोडश विद्यादेवी का वर्णन (यह विश्वास किया जाता है कि श्रुतदेवी या सरस्वती समस्तविद्या की प्रधिष्ठात्री हैं। दूसरे देव देवियो के पहले उनकी पूजा समाज होती है। कार्तिक मास शुक्ल पंचमी तिथी में जैन लोग उनकी माराधनाके लिये एक विशेष उत्सव प्रायोजन करते हैं और उनसे यह उत्सव ज्ञान पचमी कही जाती है) १. देवी-श्रुतदेवी या सरस्वती वाहन-हस (श्वे. )केकी (दि.) श्वेताम्बर सकेत-चतुर्वाह; पद्म (वरदा या वाद्ययत्र सितार) पुस्तक, जपमाला, दिगम्बर सकेत-श्वेताम्बर संकेतका सदृश १. देवी-रोहिणो, वाहन-गो (श्वे०) श्वेताम्बर सकेत-शख; जपमाला; धनुष और शर; दिगम्बर सकेत-कुंम; शख,पदम भोर फल ३. देवी-प्रजापनि; वाहन-मयूर (श्वे.) श्वेताम्बर संकेतपद्म; वज़, चिरद; निंबुफल; दिगम्बर सत-खड़ग और थानी