Book Title: Tulsi Prajna 2003 01
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 74
________________ सन्दर्भ : 1. ऋग्वेद 10.129.2 19. शतपथ ब्राह्मण 10.5.4.15 2. अथर्ववेद-4.2.6 20. अथर्ववेद 12.3.4, 3.13.7 3. वही 1.32.1 21. वही, 1.5.2 4. वही 10.8.40 22. ऋग्वेद 1.65.5 तथा 1.67.5 5. ऐतरेय ब्राह्मण 2.16 23. वही 1.23.24 6. अथर्ववेद 19.1-4 24. अथर्ववेद 8.4.2 7. तैतिरीय संहिता-5.3.1.3 25. वही 10.40.3 8. अथर्ववेद 1.33.1 26. ऋग्वेद 1.161.11 9. वही 14.1.04 27. आपस्तम्ब स्मृति 2.3 10. वही 10.5.24 28. ऋग्वेद 1.32.11.12., 57.6, 41.1, 80.5,5 आदि 11. वही 6.51.2, ऋग्वेद 10.17.10 29. ऋग्वेद, 1.23.17, अथर्ववेद 1.4.2। 12. अथर्ववेद 1.4.4, 3.7.5, ऋग्वेद 1.23.19 30. पाराशर स्मृति, 178 13. अथर्ववेद 6.24.2 31. आपस्तम्ब स्मृति 2.7 14. वही, 1.5.2 32. ऋग्वेद, 1.23.18, अथर्ववेद 1.5.3 15. वही, 1.6.3 33. याज्ञवल्क्य स्मृति, 137 16. वही 1.4.4 34. यजुर्वेद 4.12 17. तैतिरीय संहिता-5.6.2.2 35. अथर्ववेद 3.13.5 18. यजुर्वेद 11.50 36. वही 12.3.26 व्याख्याता, संस्कृत राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर (राज.) तुलसी प्रज्ञा जनवरी-मार्च, 2003 69 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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