Book Title: Trishashti Shalaka Purush Charitra Parv 1 2
Author(s): Krushnalal Varma
Publisher: Godiji Jain Temple Mumbai

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Page 849
________________ - - टिप्पणियाँ [२७ . . १०-शीलांगके १८००० भेद . . . १० यतिधर्म क्षमा मार्दव आर्जव मुक्ति | तप संयम | सत्य शौच (अकिंच- ब्रह्मचर्य नत्व - १० स्थावरादि पृथ्वी अप् | तेज वायु वनस्पति दो ई० ती० ई० चा०ई०पाई अजीव - - - . . .५ स्थावर १ ५ इन्द्रियाँ ४ संज्ञाएँ आहार | भय | मैथुन परिग्रह चक्षु- घ्राणे रसने स्पर्श'द्रिय इन्द्रिय द्रिय द्रिय द्रिय निग्रह! निग्रह निग्रह निग्रह निग्रह संज्ञा संज्ञा । संज्ञा । संज्ञा १४० ५०० ५०० १०० १.१००/१०० ५०० ३ करण - - मन वचन योग योग काययोग करना कराना अनुमोदन देना २०६० २०७० २००० ६००० ६००० ६००० -

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