Book Title: Tirthankar Mahavira aur Unke Das Dharma
Author(s): Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 143
________________ कल्पसूत्र कषाय प्राभृत कार्तिकेयानुप्रेक्षा चारित्रसार चार तीर्थङ्कर जयधवला जैन दर्शन और संस्कृति का इतिहास ज्ञानार्णव तत्त्वार्थसूत्र १३१ : सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल, जोधपुर. : आ० गुणधर, भाग १, सं० पं० फूलचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री, दिगम्बर जैन संघ, मथुरा, १९४४. : रायचन्द ग्रन्थमाला, १९६०. : महावीर जी, राजस्थान, वी०नि०सं० २४८८. : पं० सुखलाल संघवी : अमरावती : डॉ० भागचन्द्र भास्कर, नागपुर, १९७७. तत्त्वार्थ श्लोकवार्तिक तत्त्वार्थभाष्य तत्त्वार्थवृत्ति तत्त्वार्थसूत्र तत्त्वार्थसार : रायचन्द ग्रन्थमाला, १९०७. : अकलंकदेव, सं० डॉ० महेन्द्र कुमार, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९५३, १९५७. : सं० माणिकचन्द कौन्देय, बम्बई. : रायचन्द्र जैन शास्त्रमाला, बम्बई, १९०६. : भारतीय ज्ञानपीठ, बनारस, १९४९. उमास्वाति, अनु० कैलाशचन्द्र शास्त्री, मथुरा, वी०नि०सं० २४७७. : जैन सिद्धान्त प्रकाशिनी संस्था, कलकत्ता, १९२९. : आचार्य यति ऋषभ, सं० डॉ० उपाध्ये, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर, १९५१. : आचार्य हेमचन्द्र, जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर, १९०६-१९१३. : सं० आ० तुलसी, तेरापन्थी महासभा, कलकत्ता, १९६३. : आचार्य कुन्दकुन्द, सं० पन्नालाल . तिलोय पण्णन्ति त्रिशष्टिशलाकापुरुषचरित्र दशवैकालिकसूत्र द्वादशानुप्रेक्षा Jain Education International 2010-03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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