Book Title: Tirthankar Mahavira aur Unke Das Dharma
Author(s): Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 148
________________ : ६ १३६ धर्म ध्यान धम्मचक्कपवतन निगण्ठनातपुत्त निमित्तज्ञान पर्युषण ४६ २३ ३८ र .६%8:2:52. ६.. ३४,५२ परिनिर्वाण पूर्वभव परम्परा प्रचार-प्रसार प्रतिज्ञायें ० १०५ ० प्रयास १०७ ७ | मेतार्य १०९ मौर्यपुत्र रत्नत्रय व्रत लोभ लोहार्गला १,२,५,६,२७ व्यक्त वज्जी गणतन्त्र ५५ | वर्षावास १५,२८ / वायुभूति विकथा वृत्तिसंक्षेप वैयावृत्त्य स्वप्न स्थानकवासी परम्परा स्वानुभूति १२३ स्वाध्याय १२ | सत्य साधना सामायिक .. १०४ | सुधर्मा १२१ | संगम संघ प्रमाण ३९,४२ संकल्प १२४, १२६ संयम १८,३३ १४-५५ शाकाहार ११ | शिक्षा-दीक्षा ७१-७६ | शौच ११६ ६४, १२४ १०९ १ ८८,९३ १०१, ११९ प्रायश्चित्त पार्श्वनाथ प्राकृत ब्रह्मचर्य बाहुबली बाल्यावस्था ब्राह्मण संस्कृति बाह्य तप भरत बाहुबली युद्ध मण्डित मक्खलि गोशालक मनोविज्ञान महाभिनिष्क्रमण महावीर मारीचि मार्दव मूर्छा १०९ ५० | संलीन ९४,१०० १०६ १०४ ३२ ८२-८७ Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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