Book Title: Tirthankar Mahavira aur Unke Das Dharma
Author(s): Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 144
________________ ध्यानशतक प्रवचनसार १३२ दीघनिकाय : सं० जगदीश कश्यप, बिहार सरकार, १९५६. : सं० बालचन्द्र सिद्धान्त शास्त्री. धम्मसंगहणी : सं० पी० व्ही० वापट, पूना, १९४०. नन्दीसूत्र : व्याख्याकार आत्मारामजी, लुधियाना, १९६६. निशीथचूर्णि : जिनदास गणि महत्तर. प्रमेयकमलमार्तण्ड : मा० ग्रन्थमाला, बम्बई. : आ० कुन्दकुन्द, रायचन्द्र जैन शस्त्रमाला, बम्बई, १९३५. प्रवचनसारोद्धार नेमिचन्द्र सूरि, जीवनचन्द्र साकरचन्द मुकेरी, बम्बई, १९२६. प्रशमरतिप्रकरण : उमा स्वाति, परमश्रुत प्रभावक मण्डल, बम्बई, १९५०. पउमचरियं : प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, वाराणसी. पद्मपुराण : भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९४४. पंचसंग्रह (प्राकृत) : महावीर विद्यालय, बम्बई. पंचास्तिकाय : आ० कुन्दकुन्द, जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई, १९१६. पञ्चविंशतिका : जीवराज ग्रन्थमाला, शोलापुर, १९३२. बृहत्कल्पभाष्य : आत्मानन्द महासभा, भावनगर, १९३३. भगवान् महावीर और उनका चिन्तनः डॉ० भागचन्द्र जैन, धूलिया, १९७६. भगवती आराधना सटीक : सं० सखाराम दोशी, शोलापुर, १९३५. भगवतीसूत्र : अभयदेव सूरि वृत्तिसहित, जिनागम प्रचारक सभा, अहमदाबाद, १९२२-३१. भगवान् महावीर : दलसुख मलवणिया भारतीय दर्शन का इतिहास : भाग १, डॉ० राधाकृष्णन Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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