Book Title: Tirthankar Mahavira aur Unke Das Dharma
Author(s): Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 142
________________ सहायक ग्रन्थ-सूची अथर्ववेद .: अर्थ साहित्य मण्डल, अजमेर, वि०सं० १९८६. अनगार धर्मामृत : सं० पं० खूबचन्द, शोलापुर, १९२७. आचाराङ्गचूर्णि : जिनदासगणि, ऋषभदेव केसरीमल संस्था, रतलाम, १९४१. आचाराङ्गसूत्र : आत्माराम जी, आत्माराम जैन प्र० समिति, लुधियाना, १९६३-६४. आदिपुराण : आचार्य जिनसेन, सं० पं० पन्नालाल जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९६३. आप्तमीमांसा : सनातन जैन ग्रन्थमाला, काशी. आवश्यकचूर्णि : ऋषभदेव केसरीमल संस्था, रतलाम, १९२८. आवश्यकनियुक्ति : ला० जैन पुस्तको० फण्ड, सूरत, वि० १९७६. उत्तरपुराण : आ० गुणभद्र, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९५४. उत्तराध्ययनसूत्र : अनु० आत्माराम मुनि, जैन शास्त्रमाला, लाहौर, १९२९. उपासकाध्ययन : सं० पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९६२. उवासगदसाओ : व्याख्याकार आत्माराम मुनि, लधियाना, उपनिषदों पर जैनधर्म का प्रभाव : डॉ० भागचन्द्र जैन, दिल्ली, १९९६. : स्वाध्याय मण्डल, औंध, १९४०. औपपातिकसूत्र : अभयदेवसूरिवृत्तिसहित, देवचन्द लालभाई पुस्तकोद्धार फण्ड, सूरत, १९३७. ऋग्वेद Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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