Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 4
________________ श्री . जीवराज-जैन ग्रन्थमालायाः प्रथमो ग्रन्थ : ग्रन्थमाला-संपादको प्रो. आदिनाथ उपाध्यायः प्रो. हीरालालो जैनः उपाध्यायः श्री-यतिवृषभाचार्य विरचिता तिलोय-पण्णत्ती (त्रिलोक-प्रज्ञप्तिः) (जैन लोकज्ञान-सिद्धान्तविषयकः प्राचीनः प्राकृतग्रन्थः ) प्रामाणिकरीत्या प्रथमवारं पाठान्तरादिभिः प्रो. हीरालाल जैन प्रो. आदिनाथ उपाध्याय एम्. ए., एलएल्. बी., डी. लिट. एम्. ए., डी. लिट. नागपुर-महाविद्यालय, नागपुर. राजाराम कॉलेज, कोल्हापुर. इत्येताभ्याम् पंडित-बालचन्द्र-सिद्धान्तशास्त्रिकृत-हिन्दीभाषानुवादेन सह संपादिता. द्वितीयो भागः प्रकाशक: शोलापुरीयो जैन-संस्कृति-संरक्षक-संघः वि. सं. २००७] वीर-निर्वाण-संवत् २४७७ [ई. स. १९५१ मूल्यं रुप्यक-षोडशकम् Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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