Book Title: Terapanth Mat Samiksha
Author(s): Vidyavijay
Publisher: Abhaychand Bhagwan Gandhi

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Page 91
________________ - समीक्षा . ९ तुम्हारे साधु, हलवाईयोंकी कडाइ वगैरहके धोए हुए, गृहस्थोंके रसोईके बरतणोंके धोए हुए पानीको, जिसमें असंख्य जीव उत्पन्न हुए होते हैं, ते हैं यह किस सूत्रके आधारसे ?। __ १० तुम्हारे साधु, अनारके दाने वगैरह सचित्त फलोंको खाते हैं यह किस सूत्रके आधारसे ?। ११ तुम्हारे साधु, विहारमें गाँव २ साध्वियोंको साथ रखते हैं, यह किस सूत्रके आधारसे । १२ तेरापंथी साधु, गृहस्थोंके बालकोंको विद्या पढानेसे रोकते हैं, इसका क्या कारण है । १३ तुम्हारे साधु, गृहस्थोंको इस प्रकारकी बाधा देते हैं कि-' हमारे सिवाय दूसरे साधुओंको आहार-पानी न देना' यह किस सूत्रके आधारसे ?। १४ तुम्हारे साधु, रात्रीको पानी नहीं रखते हैं, तो फिर कभी बडीनिति (जंगल ) जाना पड़े, तो अशुद्ध जगहको साफ कैसे करते हैं ? आर कहोगे कि-मूत्रसे साफ करते हैं, तो ऐसा करना किस सूत्रमें कहा है ?। .१५ तुम्हारे साधु, गृहस्थोंका झूठा आहार तथा झूठा पानी ले करके खाने-पीते हैं, यह किस सूत्रके आधारसे ? । १६ तुम्हारे साधु, रात्रीके दस २ बजे तक गृहस्थनियोंको उपदेश देते हैं, यह किस सूत्रके आधारसे ?। . .. १७ तुम्हारे साधु स्थान में लाई हुई वस्तुको ग्रहण करते हैं, यह किस सूत्र के आधारसे ? । १८ खानेकी वस्तुएं रात्रीको रखना, यह साधुके लिये किस मूत्रमें कहा है।

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