Book Title: Terapanth Mat Samiksha
Author(s): Vidyavijay
Publisher: Abhaychand Bhagwan Gandhi

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Page 97
________________ ९२ तेरापंथ-मत समीक्षा । . __७१ तुम्हारे साधु-साध्वि रात्रिके दश-दश-ग्यारह बजे तक चिल्ला २ करके ऊंच स्वरसे गाते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञा है । - ७२ तुम्हारे साधु, एक दिन गृहस्थके घरके भीतरके चोकमेंसे आहार लें, दूसरे दिन, उसी घरके बाहरके चौकमेंसे आहार लें, यह सब विधि किस सूत्रमें दिखलाई है ? । ___ ७३ तुम्हारे साधु, कच्चा जल पशुका झूठा किया हुआ लेते हैं, यह किस सूत्रके फरमानसे लेते हैं । ७४ तुम्हारे साधु, जब ठंडिल (जंगल) जाते हैं, तब अनेकों श्रावक 'खमा' 'घणीखमा' का चिल्लाहट करते हुए साथ जाते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञा है ? । ___७५ तुम्हारे साधु, राखका पानी पीते हैं, यह किस सू. प्रकी आज्ञासे पीते हैं ?। इति शम् । .... - rearera समाप्त.

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