________________ तेरापंथ-हितशिक्षा, यह पुस्तक, तेरापंथियों के लिये तो बहुत ही उपयोग जिन्होंने दया और दानसे मुंह मोड लिया है। इस पुस्तकमें और युक्तियोंके साथ अनुकंपा-दयाकी खूब पुष्टी की गई साथ ही साथ ' मुहपत्ती बांधना' शास्त्रविरुद्ध है, या शास्त्रम इस विषय पर बहुत ही अच्छा विचार किया गया है / एवं पंथ-मतके उत्पादक भीखमजीके जीवनचरित्रका अवलोक सबसे पहिले ही कर दिया गया है। इस लिये इस पुर मंगवा कर अवश्य पढिये / छप रही है, बहुत ही प्रकाशित होगी। शिक्षा-शतक. यह शतक भी बड़ा ही मजेदार है। कविता ऐसी तो मई चित्ताकर्षक बनी है कि जिसकी तारीफ हम नहीं कर तेरापंथियोंकी दया. मूर्तिपूजा और अन्तमें उनके आ ऐसी तो फोटू ली गई है, कि जिसको देख, पाठक बहुत ही हो जावेंगे / शीघ्र मंगवा लीजिये / पता:श्री जैन पोरखा श्रीयशोविजयनग्रंथपाला अ जैन ज्ञान भंडार खारगेट भावनगर-- मु. पाडीव (राज.) arawarenen moren.am