Book Title: Tattvartha Sutra Author(s): Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 8
________________ सम्पकालिपारहित)क्षायिकसम्पत्कहाभपकेअनुवादकरिभव्यनिके तीनसम्पको अनयनिकसम्यक नाहीह। सम्पत्कअनुवादकरित हॉनेसासम्पग्दनिहतहातमाहीजाननां स्मीतीमुबासंबोनिकैतीस रिसज्ञी पत्कही असंज्ञानिकसम्पकमही असंज्ञाप्रसेझीदामपणारहितकैश २ यकहीसम्पन्कही प्रहारकअनुहारकनिकैती,सम्पत्कहै। अनाहारका निकधास्थनिकैतीहासमुदघातगमनाहारकनिकैज्ञायिकहीह नै संस्वामित्वकम।। अवसाधनकारणसकिदैहासोसाधनदोश्यकारहीएक अन्यतराणकवासानन्यतरतादर्शनमोहकाउपशामक्षयतथाक्षयोपशम हीकारणही अवाममारकीनिकेत्तीसरीधाताश्के नारकोनिमाप्तिस्म रातिसम्पाकहीशाअरक्तिकै धर्मश्रिवणतेहोशक्षिनिकवेदनकिलो मिभने सम्पादनउपनेहमरचतुर्थश्चीकूत्रादिलियसनमध्धीताश्नाPage Navigation
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