Book Title: Tattvagyana Balpothi Sachitra
Author(s): Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 28
________________ अज्ञान ऊंचकुल अंधापादि निद्रा नीचकुल ज़ानावरण दर्शनावरण अनंत गोत्रकर्म ज्ञान अगुरु लधुता दर्शन अनंत गति, शरीर इन्द्रियादि यश, अपयश, सौभाग्य, दौर्भाग्यादि नामकर्म सम्यग्दर्शन बीतरागता अरुपिता मिथ्यात्व अविरति राग-द्वेष काम-क्रोधादि मोहनीय अक्षय अनंतवीर्य आदि स्थिति आयुष्य अनंत सुख अंतराय वेदनीय जन्म जीवन कृपणता दरिद्रता पराधीनता दुर्बलतादि मृत्यु शाता-अशाता Jain Education International For Private ? &al Use Only www.jainelibrary.org

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