Book Title: Tattvagyana Balpothi Sachitra
Author(s): Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 45
________________ निर्जरा संवर से नया कर्मबन्ध अटकता है, किन्तु पुराने बाँधे हुए कर्मों का क्या होगा? वे किससे नाश होंगे? निर्जरा से पूर्व में बांधे हुए कर्म नाश होते हैं। तप से कर्म का नाश होता है इसलिए यहाँ निर्जरा के तौरपरबाह्य और अभ्यंतरतपलेना है। •बाह्य तप में क्या-क्या गिने जाते हैं ? निम्नलिखित बाह्य तप में आते हैं(१) अनशन : अर्थात् पच्चक्खाण (प्रतिज्ञा) पूर्वक भोजन का सर्वथा या आंशिक त्यागरुप उपवास, आयंबिल, एकासणा । वगैरह... (२) ऊनोदरिका : भूख हो उससे कम भोजन करना (पाव, आधा या पौन भाग जितना कम)। (३) वृत्तिसंक्षेप : भोजन की संख्या का संक्षेप-कम करना (मैं...से ज्यादा द्रव्य इस्तेमाल नहीं करूँ इस तरह)। (४) रस-त्याग : दुध-दहीं-घी, तेल, गुङ-शक्कर, तला हुआ आदि में से सभी का अथवा किसी एक का त्याग | (५) काय-क्लेश : धर्म-क्रिया के कष्ट सहना । जैसे कि, साधु भगवन्तों पाँव से चलकर विहार करें, लोच करायें, घण्टों खडे रहकर कायोत्सर्ग करें, धूप में खडे रहें, शर्दी में खुले बदन साधना करें इत्यादि । (६)संलीनता: मन-वचन-काया को स्थिर रखना। उदाहरण के रुप में मौन, कषाय की इच्छा या भावना पर अंकुश रखना वगैरह। •अभ्यंतर तप में क्या आता है ? (१) प्रायश्चित्त : गुरु के सामने खुले दिल से पापों को स्वीकार करके उसके दण्ड के रुप में तप आदि करना। (२) विनय : देव, गुरु,ज्ञान, आदि का बहुमान और भक्ति... (३) वैयावच्च : संघ, साधु आदि की सेवा...उसमें भी बालक, वृद्ध, ग्लान (बिमार) तपस्वी आदि की विशिष्ट सेवा करना । (४) स्वाध्याय : धार्मिक-शास्त्र पढना, पढाना, याद करना इत्यादि । (५) ध्यान : एकाग्र मन से तीर्थंकरों की आज्ञा, कर्म के शुभ-अशुभ फल, राग-द्वेष के नुकशान, लोकस्थिति (विश्व का स्वरुप) वगैरह का चिन्तन । (६) काउसग्ग (कायोत्सर्ग): हाथ लम्बे रख कर मौनपने से ध्यान में स्थिर खडा रहना। इन बारह प्रकार में से कोई भी तप शक्य हो उतना करना चाहिये, इससे अगणित कर्म पुद्गल के समूह का नाश हो जाता है। ___ कर्म तोडने के लक्ष्य से इच्छापूर्वक यदि तप किया जाय तो सकाम निर्जरा होती है और दूसरी लालसा से या पराधीनरुप से काय-कष्ट भोगने से या भूखा रहने से अकाम निर्जरा होती है | सकाम निर्जरा में कर्म-क्षय बहुत होता है और शीघ्र सद्गति और परंपरा से मुक्ति प्राप्त होती है। SANEducation.international orharuse Only www.lainebra

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