Book Title: Tattva Muktakalap
Author(s): D Srinivasachar, S Narasimhachar
Publisher: Mysore Government Branch
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672
'प्रमाणवचनम्
पुटम् |
पुटम् 203
व्यापि नित्यं व्यावहारीकसत्य व्योनोर्धभागा
....
422
.....
28
प्रमाणवचनम् .... 52
श्रुतेस्तु शब्द श्रुत्यालम्बे तु श्रूयते देश्यते श्रूयते न चि | श्रेयस्साधनता
श्रोत्रं त्वक्चैव ... 295 श्रोत्रं नभा
150 श्रोत्रमत्र च .
शकस्य शक्य शक्तस्य शक्य
.... 195 .. 157
99
177 ..' 442
446
शक्तिसदाशिव शब्दगन्धसूया शब्दज्ञानानुपाती
....491
190
85 षटकेन युगपत्
| षण्णां समान
षण्णामपि पदा .... 1251 षष्णामनन्त
. 334
५. 141
स
....
21
शब्दस्पर्शविहीन शब्दस्स्पर्शश्च शब्दादौ ..... शरीरयोगे .. शरीरं यदवा. शरीरेन्द्रिय शरीरेष्वावका शीतादेरेव शुद्धानि पञ्च शून्यानात्म.
- 72 422
....
"
..
.
384 | स एषां ग्रामग्री: 437 स चानन्याय 467 | सजातीय . . 339 507 | सततोर्ध्वद्धगति 344
संतानस्यत्ययं 150 | सन्तानक्याभि
सन्तानोच्छेद सत्ताशक्ति
सत्यत्व 150 181 | सत्यं तल्लोक 607 | सत्या चेत्संवृतिः
| सत्वं लघु 186 | सत्वं लघु.
524 299 388 371 324 366
....
420
श्योचति .. शैवागमेषु, श्रुतिलिङ्गे .. श्रुतिसंहिता ध्रुवेस्तु शब्द श्रुतेस्तु शब्द
198
420 130
..... 147

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