Book Title: Tattva Muktakalap
Author(s): D Srinivasachar, S Narasimhachar
Publisher: Mysore Government Branch
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675
प्रमाणवचनम्
हन्ताहामिमा
..... 389 .... 317
608
हन्ताामा हस्तादयस्तु
पुटम् | प्रमाणवचनम्
हेतूनां नि 257 | हेनोऽनुगम 534 होरेशास्सूर्य 535 452 464 ज्ञानशक्तिस्वभाव 473 ज्ञानस्य च स्व 580 ज्ञानस्यात्म
ज्ञानाकार
ज्ञानेन्द्रिय 124 | ज्ञानेन्द्रियाणि
21
हिरण्मयेन हूतिराकारणा हेतुतत्व हेतुमदनित्य
340 422 329
329 . ..... 152 ___......459
420
प्रमाणवचनम्
586
5
581
608
अतोऽणुबिम्बः अतो भचक्रं अधः पतन्त्याः अधश्शिरस्काः अनादिर्भगवान् अनिलाधाराः अनुलोमगति अन्तबहिश्च अन्त्ये कल्या अपरास्मन् पर अभिधीयते अमरमरा अर्धानि यानि अर्धेऽन्यस्मिन् अष्टादशैते
प्रमाणसूच शेषः पुटम् | प्रमाणवचनम्
अहोरात्रे 595 583 | आकाशे पृथिवी
| आकृष्टिशक्तिश्च 584 आकृष्यते तत्प 617 आप्यायनमुप 600 आर्यभटेना 585 636 | इति किल वदन्ति 601 इतिहासपुरा 614 | इषवोऽभिनभः 612 603 | उच्चस्थितो 583 उत्ताना ह वै 596 | उदयास्तमय 6104 उपरिष्टाद्भ
687
610 591
.
595 584 581 589

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