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________________ 672 'प्रमाणवचनम् पुटम् | पुटम् 203 व्यापि नित्यं व्यावहारीकसत्य व्योनोर्धभागा .... 422 ..... 28 प्रमाणवचनम् .... 52 श्रुतेस्तु शब्द श्रुत्यालम्बे तु श्रूयते देश्यते श्रूयते न चि | श्रेयस्साधनता श्रोत्रं त्वक्चैव ... 295 श्रोत्रं नभा 150 श्रोत्रमत्र च . शकस्य शक्य शक्तस्य शक्य .... 195 .. 157 99 177 ..' 442 446 शक्तिसदाशिव शब्दगन्धसूया शब्दज्ञानानुपाती ....491 190 85 षटकेन युगपत् | षण्णां समान षण्णामपि पदा .... 1251 षष्णामनन्त . 334 ५. 141 स .... 21 शब्दस्पर्शविहीन शब्दस्स्पर्शश्च शब्दादौ ..... शरीरयोगे .. शरीरं यदवा. शरीरेन्द्रिय शरीरेष्वावका शीतादेरेव शुद्धानि पञ्च शून्यानात्म. - 72 422 .... " .. . 384 | स एषां ग्रामग्री: 437 स चानन्याय 467 | सजातीय . . 339 507 | सततोर्ध्वद्धगति 344 संतानस्यत्ययं 150 | सन्तानक्याभि सन्तानोच्छेद सत्ताशक्ति सत्यत्व 150 181 | सत्यं तल्लोक 607 | सत्या चेत्संवृतिः | सत्वं लघु 186 | सत्वं लघु. 524 299 388 371 324 366 .... 420 श्योचति .. शैवागमेषु, श्रुतिलिङ्गे .. श्रुतिसंहिता ध्रुवेस्तु शब्द श्रुतेस्तु शब्द 198 420 130 ..... 147
SR No.022392
Book TitleTattva Muktakalap
Original Sutra AuthorN/A
AuthorD Srinivasachar, S Narasimhachar
PublisherMysore Government Branch
Publication Year1933
Total Pages746
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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