Book Title: Tattva Muktakalap
Author(s): D Srinivasachar, S Narasimhachar
Publisher: Mysore Government Branch
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प्रमाणवचनम्
भूतार्थभा
भूतेन्द्रियाणा
भूतैस्त्वाप्यानं
भूभगणभ्रम भूमेः पिण्ड
भूमेर्बह
भूमेर
भूयस्त्वेन भूर्लोकाख्यो
भूवायुराव भेदानां पारमा
"
भ्रमति भ्रम
"">
भ्रान्तं च प्रत्य
मत्सन्तानसमृ
मद्विनाशात्फल
मध्यमक्षण
यध्येsयस्का
मध्ये समन्ता
""
मनश्च मन्तव्यं च
मनष्षष्टानी
मनष्षोडशकं
मनो बुद्धिरिह
मनोबुद्धिरिति
मन्दादधः
मन्दामरेज्य
서
....
****
668
पुटम्
335 मयाध्यक्षेण
464 मरीचिरङ्गिरा
443 मरीचिस
583 | मरुच्चलो
600 मलं कर्म च
593 | महत्त्वैकत्व
596 महदाद्या
182 महद्दीर्घद्वा
586 593|महाभूता 111 महजवृत्तो
124 माणससुण्णा
590 मानत्वं वर्तमा
591 मायां तु प्रकृतिं
319 माया गोलकवि
प्रमाणवचनम्
"
""
मायोत्पादव
388 मिथ्याध्यारोप
339 मूर्ती धर्ता
395 मृज्जलशिखि
602 मृत्पिण्डप्राप्तानां
582 | मेषोदयः
601 मेरुयोजन
455 | मोहस्त्रभावा
474
नैर्यानां
177
150 य एषोऽन्तरा
459
यच्चान्यथा
यः क्षणो जा
595
589 यत्किञ्चित्सृज्यते
य
पुटम्
378
610
59
594
150
237
180
186
203
185
595
28
356
95
320
423
389
610
582
278
638
604
193
252
61
396
318
176

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