Book Title: Swadhyaya Shiksha
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Akhil Bharatiya Sahitya Kala Manch

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ प्रकाशकीय जैन आगमों में अध्यात्म, दर्शन, संस्कृति, इतिहास आदि विविध विषयों पर विपुल सामग्री उपलब्ध है। जिज्ञासु अध्येता उसका अवगाहन कर अपने जीवन को ज्योतिर्मय बनाने एवं विविध विषयों की ज्ञानराशि को आत्मसात् करने में समर्थ हो सकता है। ज्ञाननिधि आगमों के अध्ययन की ओर हमारी रुचि जागृत एवं अभिवृद्ध हो, इसी दृष्टि को ध्यान में रखते हुए स्वाध्याय शिक्षा का यह 'आगम-विशेषाक' प्रकाशित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि अप्रेल २००२ में जिनवाणी मासिक पत्रिका का 'आगमसाहित्य विशेषाङ्क' प्रकाशित किया गया था। उसका सर्वत्र स्वागत हुआ है तथा पाठकों ने अध्ययन कर आगमों के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए 'विशेषाङ्क' की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। जिनवाणी के आगम-साहित्य विशेषाङ्क के प्रकाशन के समय लेखकों का जो सहयोग मिला, उसके लिए सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल एवं जिनवाणी परिवार अनुगृहीत है। जिनवाणी विशेषाङ्क के समय जिन लेखों का प्रकाशन नहीं हो सका था, उन्हें स्वाध्याय शिक्षा के 'आगम-साहित्य' विशेषाङ्क के रूप में प्रकाशित करते हुए हमें प्रमोद का अनुभव हो रहा है। इस विशेषाङ्क में जैन आगमों में वीतरागता, विज्ञान, पर्यावरण-संरक्षण, अहिंसा, संगीतकला, शिक्षा पारिभाषिक शब्दावली आदि अनेक विषयों पर विद्वानों के लेख समाविष्ट किए गए हैं। जिनवाणी पत्रिका के इस पूरक विशेषाङ्क को 'स्वाध्याय-शिक्षा के माध्यम से प्रकाशित करते हुए हम अ.भा. श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ पारमार्थिक ट्रस्ट, इन्दौर के आभारी हैं, जिसके सौजन्य से यह प्रकाशन संभव हो सका। सम्पादक डॉ. धर्मचन्द जी जैन को भी हम इस कार्य के सम्पादन हेतु हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। चेतनप्रकाशडूंगरवाल ईश्वरलाल ललवानी प्रकाशचन्दडागा अध्यक्ष कार्याध्यक्ष मंत्री सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 174