Book Title: Stotradi Sangraha
Author(s): Kantimuni, Shreedhar Shastri
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 198
________________ ट सिग्बम हर स्तोत्र || ( पदार्थ ) . ( सक्काएसा ) इन्द्रकी आज्ञा से ( सच्चउरपुर ) सच्चउरपुरमें ( डिउ ) रहने वाले ( वद्धमाणजिण ) जिन भगवान महावीस्वामी के ( भत्तो ) भक्त ( सिरि) शोभायुक्त ( बंभसंति) ब्रह्मशान्तिनामक ( जबखो ) यक्ष ( पयत्तेण ) यत्नपूर्वक (संघ) चतुर्विधसंघका ( रक्खउ ) रक्षणकरो ॥ ७ ॥ ( भावार्थ ) इन्द्रकी आज्ञासे सच्चउरपुरमें रहनेवाले और जिनभगवान महावीर स्वामीके श्रीब्रह्मशान्तियक्ष चतुर्विधसंघको रक्षणकरो ॥ ७ ॥ भक्त ॥ गाथा || क्खित्तगिहगुत्तसंताण देतदेवाहिदेवयाताउ । निव्वुइपुरपहियाणं भव्वाणकुणंतु सुक्खाणि ॥ ८ ॥ ( छाया ) याः क्षेत्रगृहगोत्र संत नदेशदेशाधिदेवताः ताः निर्वृत्तिपुर पार्थकानां भव्यानां सौख्यानि कुर्वन्तु ॥ ८ ॥ ( पदार्थ ) ( क्खित्त ) क्षेत्र ( गिह) गृह ( गुत्तसंतान )

Loading...

Page Navigation
1 ... 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214