Book Title: Silopadesamala Balavbodh
Author(s): Merusundar Gani, H C Bhayani, R M Shah, Gitaben
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 229
________________ चाल चाल, ऊप चालणड जवानुं, प्रस्थान चांपेल चपानी सुगंध वाळु तेल चिणउठी चणोठी चित्राम चित्र चिवू च्यaj (स्वर्गमांथी) अवतरवु चिहि चेह, चिता चिरी चीठी चीतार् चीतव चोरी चोरीछूपीथी छट्ठी जागी १०५ छठ्ठीए (संतान जन्म पछी छट्ठे दिवसे) जागरण यु छत्रडी छत्री छब् अडवुं छाजां छजां छाणहरु छाणांनो गंज छांदूआ बोल खुशामतना बोल, छांदां छे हिलउं छेल्लुं जगत्र त्रण जगत, त्रिभुवन जरहि बख्तरनो एक प्रकार जाजरउ जर्जरित जानीया, जानीलोक जानैया जायउ जण्यो जिणू जण जितकासी विजेताने योग्य जिम जेथी करीने जीणसाल बख्तरनो एक प्रकार जीप् जीत जुहार बंद, जुहार करवा जूड जुदुं जूत् जू-बुं जूप जूतवु जूवटड जुगार जोयण योजन झीलू नहा झ्झ युद्ध करवु Jain Education International १८८ झूझ युद्ध झोटींग भूत टोडर फूलनुं छोगुं, कलगी ठोकिरडं ठीक डंक दंश डाभसी डाभनी तीणी सळ डाउ डायो डील शरीर डुंगर डुंगरो डोहलउ दोहद, दोहलो ढोल दोडaj तलहांस तळांसवुं तलार नगररक्षक तंगोटी नानो तंबू तंबोलदार तांबूलिक ताछ छोलवु ताद ताढा थई जवुं तादि ताद तुsिहं स्पर्धामां तूं ह तू प्रसन्न थ तृण तर त्रोडू तोडं थाकू रहेवु, बाकी रहेवु थाकउ थाक्यो थाकती बाकीनी थांभर थांभलो थूभ स्तूप थोभू टेको देवो दइडु दो दाइझू बळवु दाधी दाझी दालिद्र दारिद्रय दीसू देखापुं दुर्गंध दुर्गंध For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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