Book Title: Silopadesamala Balavbodh
Author(s): Merusundar Gani, H C Bhayani, R M Shah, Gitaben
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 233
________________ १९२ विधात्रा विधाता विरतउ विरक्त विरल छूटुं विलखउ भोंठो, झंखवाणो विश्लेष १३२ वांकदेखो संशय विहड् वछूटवू, छूटवु विहरई मिशे, निमित्ते अर्थनइ विहरइ (अर्थने मिशे) वोघर् पीगळवू वीसम् विश्वास करवो वेगउ वहेलो वेच् खरचवू, वापर वेडस वेतस वेडि वगडो वेसास विश्वास व्यतिकर १४७ दगाबाजी, वंचना व्यवहार वेपार शत्रकार सदावत शराप शाप शाटउ (१) ५० डूडु ? शिख्या शिक्षा शीकोत्तरी १३६ शिकोतरी प्रलेष्मा सळेखम सउण शकुन सउण, सुहण स्वप्न सउंचल संचळ सखाइउ सहायक सखायति सहाय सज्झाय स्वाध्याय समर्माकत्व सम्यक्त्व समार् कापवू, सरखु करवु (नख) सयर शरीर सवितुं सौ ससंभ्रांत संभ्रांत, हांफळु फांफलु सही (कर) पाकुं (कर) सहू सौ संघाडउ संघाडो, संघेडो संचकार अवकाश ? संप्रेड ६८, ११७ वळाववू, विदाय आपवी सभेडउ कलह साखोउ साक्षी साजउ साजो साढ सार्ध, दोढ साढो बार साडी बार सात् संताडवू साहू पकडवु साहम्मी साधर्मिक, समान धर्म पाळतुं सांढि सांढणी सांसह खमयु, सहन करवू सिज्यातर साधुने बास-स्थान देनार सोगडउ शंगवाद्य सीझ सिद्ध थवु सींगणीउ धनुर्धर सुरहुं सुगंधी सुसरउ ससरो सुस्त स्वस्थ सुहा- गमवु सूआर रसोयो सूक् सुकावु सूकडि सुखड सूखडी सूखडी सूझ शुद्ध थवु सुधि समाचार सूनाडि निर्जन स्थळ, सून, एकांत सेवा सेवन स्वसुरउ ससरो हटक् हाकवु, धमकाववु हलूआ हलका हाजीविउ 'हा जो हा' करनारो हाथउ थापो हाथ-मेलावणी हस्तमेळाप हारव् हारवु हाल चालवु हासू हसवु, हास्य हीड् (करवा हीरइ १०९) चाहवु (करवा चाहे) हेरू छूपी तपास, मासुसी तपास Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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