Book Title: Silopadesamala Balavbodh
Author(s): Merusundar Gani, H C Bhayani, R M Shah, Gitaben
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 228
________________ एक - संथुई (स्त्री) जेने एक वारना श्रवणथी याद रही जाय तेवी (स्त्री) एकु एक पण, एके य उतिगीयाल कौतुकी कटकी ७१, १२८ आक्रमण, चडाई कणयर कर कणवार करणवार, सार-संभाळ कयर केरडो करगराट कळकळाट ( कागडानो) करणवार चिंता, सारसंभाळ करसणी खेडूत कलहाट ६८ १ कागल ( फा . ) कागळ काणि मर्यादा, दाक्षिण्य, लाज (काणि पाडी शरममां नाखी, शरमावी) कादम कादव कापडी रखडतो भिखारी कारखान ( फा . ) कारखानु काश्मिर कृत्रिम, बनावटी किरण करण, युद्धमां अंगना चलन वलननो प्रकार रमाई रमाई कुणबी खेडुत, कणी केलिहरा कदलीगृह केहा केवा क्रोंकाट (भैंस) डणकवु खउल खोळवु खडहड् लथडवु, स्खलित थवु खडी - चापडी ९८ १ खडोखली ४४ कुंड, होज खम् क्षमा करवी खयन खेन, क्षय खयर खेर खरच ( फा . ) खरच खलहाण स्खलित थयुं, अथडाणु खली राखिउ १०४ छूटो पाडीने बंदी राख्यो ? Jain Education International ૨૮૭ खवउ खभो खापर ठीबहु खांच् च खुभ् क्षुब्ध थ खो ख गउरव गौरव, वरपक्षने कन्यापक्ष तरफथी अपातुं जमण, हरख - जमण गड पहाणो गढ - रोहउ गढनो घेरों गमाड् गुमाव, विताववु गमे गमे दिशो दिश गलहथ् गळन्रीए पकडवु गंजा - गांजवु गाढ़उ घणु गाढेर वधारे गालहथा (देवा) (चिंतामा) हथेली पर गाल ढाळवा गावडि २९ १ गिरिनारि गिरनार गुडि हाथी कवच गुणव् गणवु, वारंवार पठन करवु गुरुणी गरणी, जैन साध्वी गोगउ १३६ गोगा बापा, गोगा देव, घोघा वीर ग्रामांतरि गामतरे घट् संभववु, लागवु घडीआ - जोअणी ९७ घडिया - जोजन, एकमां एक योजन कापती घाई उतावळ घात् घालवु नाखवु घास् छेतराव घूर्मा - १४९ झोकां खावां चउ-पखेर चोपास, चोगम चउमास चोमासु चउरी १७७ चोखंडो खाडो चकि चकित थयो चरड चोर For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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