Book Title: Siddhanta Sutra Samanvaya
Author(s): Makkhanlal Shastri, Ramprasad Shastri
Publisher: Vanshilal Gangaram

View full book text
Previous | Next

Page 206
________________ विचार यहां इतना है कि संघद शव जो पब बोड़ा जा चुना है उसे हटा दिया जाय। उस पन्ने को गनवा र दसग ताम्रपत्र खुवाया जाय। परम पूज्य पाचार्य मसरोज समय जा खुपचन्द भी से यह चर्चा हुई तब श्रापार्य महाराजको पदोंने 1 उत्तर दिया कि "पदि तांबे की प्रति से संजाशन निकाला जायगा तो मैं उसी दिन से उसके संशोधन का काम करना बोरदंगा" भाचार्य महाराज की इस उत्तर से खेद भी हमा और दो प्रकार की चिंता हो गई। यदि सर पद बाले पत्र को प्रवि से हटाकर नष्ट कराया जाता है तो सशोषन का पाल बमसकता है, और यदि सरशन जुड़ा रहता है तो मिथ्यात्व लहरुपनी की मुक्ति की सिद्धि सिद्धांतशाबों से सिटी । महाराज यह भी कर चुके हैं कि विधान लोग अपनी विद नहीं छोड़ते हैं। पं० खपचन्द जी जब भावार्य महाराज को उपयुक उत्तर रे है तब हमारी बात पर ध्यान देंगे यह कठिन है। पिर भी बनाते हम उनसे दो शब कह देना चाहते हैं पाहेमाने पानही बाप भागमविषय में भी इतना करते है कि यदि सखर पर पासा पत्र हटाया गया तो में बम बोड़दंगा सो ऐगा इयों! बाप पास यदि ऐसे प्रवास प्रमार है जिनसे साराम कारखाना बावश्यक है वो करें बाबा बापने स्वोसिसनी गियावर्षसे यहीबापने साशनकोसबकः महाचरावित मा परहो।।

Loading...

Page Navigation
1 ... 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217