Book Title: Siddhanta Sutra Samanvaya
Author(s): Makkhanlal Shastri, Ramprasad Shastri
Publisher: Vanshilal Gangaram

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Page 11
________________ प्रस्तावना अधिकार और उद्दार इस पटखएडागम सिद्ध शास्त्रको परमागम कहा जाता है, गोमट्टमार बादि भनेक शाखोइ.पटवण्डागम का उल्लेख परमागम के नाम में ही किया गया है। यह सिद्वांत शामा अंगैकदेशज्ञाता गायों द्वारा रचा गया है पत: अन्य शास्त्रों में यह अपनी विशिष्टता प्रसारणा रखता है। इसी लिये इसा पढ़ने पढ़ानेका परिकार स्यों को नहीं है, किन्तु वीतराग मनिगण हो इसके पढ़ने के अधिकारी हैं। यह बात अनेक शाखों में स्पष्ट को गई है। गृहस्थों को नो विशेष रूप से प्रथमानुयोग एवं परणानुयोगके शाख और श्रावकाचार प्रन्थों का स्वाध्याय करना चाहिये, उनका ममधिक उपयोग और कन्या उन्होंस हो सकता है। हमने इस सम्बन्ध में एक छोटा मा ट्रेक्ट भी "सद्ध न शास्त्र और इनके अध्ययन का अधिकार" इस नाम म लिश है जो छप भी चुका है, उसमें अनेक प्रमाणों में यह सिद्ध किया गया है कि गृहस्थों को इस सिद्धान्तशास्त्र के पढ़ने का अधिकार नह है। उसी सम्बन्ध में एक विस्तात ट्रैक्ट भी हम

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