Book Title: Shwetambar Jain Tirth Darshan Part 01 Author(s): Jinendrasuri Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala View full book textPage 3
________________ 000000000000 प्रकाशिका :- श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला (लाखाबावल) c/o. श्रुतज्ञान भवन, ४५, दिग्विजय प्लोट, श्री विमलनाथ मंदिर के पीछे, जामनगर (गुजरात) Pin - 361 005. | वीर सं. २५२५ . विक्रम सं. २०५५ . सन् १९९९ ० प्रथम आवृत्ति • नकल १००० . प्राप्ति स्थान . (१) श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला c/o. श्रुतज्ञान भवन, ४५, दिग्विजय प्लोट, जामनगर (गुजरात). (२) महेता मगनलाल चत्रभुज, शाक मारकेट के सामने, जामनगर (गुजरात). (३) सेवंतीलाल वी. जैन, २०, महाजन गली, मुंबई-२. (४) सोमचंद डी. शाह, जीवन निवास के सामने, पालीताणा. (५) प्रकाशकुमार अमृतलाल दोशी श्री महावीर जैन उपकरण भंडार, १, वर्धमाननगर, पेलेस रोड, राजकोट. (६) सरस्वती पुस्तक भंडार, हाथीखाना, रतनपोल, अमदावाद. (७) अश्विन एस. शाह, रिलिफ रोड, शेख का पाडा, अमदावाद. (८) शाह चीमनलाल लखमीचंद, मेइन रोड, शंखेश्वर तीर्थ. (९) जैन हितवर्धक मंडल, हाइवे, डोलीया तीर्थ. श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन हिन्दी विभाग के किये सूचना हिन्दी के इस प्रथम भागमें गुजरात, राजस्थान एवं विदेश के आफ्रीका, लंडन और जपान के तीर्थ दीये गये है । इसमें प्रथम नकशा, जिल्ला के अनुसार तीर्थ, उनके मंदिर और मूलनायक के फोटु, संक्षिप्त इतिहास, माहिती दी गइ है । क्रम एवं अकरादि क्रम दीया है । जिस्से तुरंत जो देखना है तीर्थ ला शके । जहाँ जगा रही वहां स्तुति स्तवन आदि दीये है । जिसे तीर्थ के दर्शन के साथ भावना भी कर शके। मुद्रक गेलेक्सी प्रिन्टर्स, अलंकार चेम्बर्स, ढेबर चोक, राजकोट -३६० ००१. फोन : २२७३३४, ३८९३९१ czecce 2,3 cope carePage Navigation
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