Book Title: Shwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Author(s): Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ पुनित करकमलों में समर्पण GADAADIVAMADARAMAVAMANANDALALAMAULARAMS परम पूज्य परम उपकारी प्रातः स्मरणीय श्रेष्ठ कवीश्वर, ग्राम्य जनता उद्धारक, हालार देशोद्धारकं निस्पृही शिरोमणि शासन रक्षक, चारित्र चूडामणि, रसना विजेता षड्विगयविरक्त तत्त्ववेत्तां तपस्वी त्याग मूर्ति पूज्यपाद परम गुरुदेव पूज्य आचार्यदेव श्री विजयअमृत सूरीश्वर महाराजा के करकमलोंमें अनंत उपकारो की स्मृति में यह श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन विभाग प्रथम सादर समर्पण कर के मैं कृतकृत्य बनता हूं गुरु कृपाकांक्षी -- जिनेन्द्रसूरि

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 548