Book Title: Shuklyajurved Madhyamdiniya Samhita
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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandie www.kobairth.org न्दसापरिगृह्णामिजागतेनत्वाच्छन्दसापरिगृह्णामि।सुक्ष्म्माचासिशि वाचासिस्योनाचासिसुषदाचास्यूर्जस्वतीचासुिपयस्वतीच 27 राङ्करस्याविसृपोधिरप्पिशन्नुदादायपृथिवीजीवदानुम्॥यामैरयश्चन्द मंसिस्वधाभिस्तामुधीरासोऽअनुदिश्ययजन्ते॥ प्रोक्षणीरासादयहि / पतोबधोसि 28 [5] प्रत्युष्टरक्ष / प्रत्युष्टरक्षऽप्प्रत्युष्टाअरा || तयोनिष्टप्रक्षोनिष्टप्प्ताऽअरातयः // अनिशितोसिसपत्नुक्षिद्वा / जिनन्त्वाबाजेद्ध्यायैसम्मामि // प्रत्युष्टुरक्षुप्प्रत्त्युष्टाऽअरीत / योनिष्टृप्तरिक्षोनिष्टप्प्ताऽअरातयः // अनिशितासिसपत्नुक्षिद्वाजि नीत्वाबाजेक्ष्यायैसम्माज्मि 29 अदित्यैराना / सिविष्ष्णोई / For Private and Personal Use Only

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