Book Title: Shrutsagar Ank 2012 07 018
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वि.सं.२०६८-आषाढ़ (९) श्री सुविधिनाथ भगवंत सुविधिनाथ प्रभु-चरणों में सुख की नहीं है अवधि, रामानंदन कृपा करें तो तृप्त बने मन की अवनि । कितनी सुन्दर विधि बताई दुःख से मुक्ति पाने की, प्रभु चरणों में दूर हो जाए पीड़ा सारे जमाने की ।। (१०) श्री शीतलनाथ भगवंत शीतलनाथ शशि से शीतल कृपा-किरन जब बरसायें, भवि जीवों के हृदय-गगन में खुशियों के बादल छायें। विपदा मिट जाती तन-मन की दशम प्रभु के दर्शन से, पूरी होती मनोकामना तीर्थंकर के स्पर्शन से।। (११) श्री श्रेयांसनाथ भगवंत श्री श्रेयांसजिनेश्वर भगवन इस सृष्टि का श्रेय करें, विष्णुनंदन के नयनों में करुणा का सागर उभरे। सिंहपुरी के राजा ओ गुणनिधि हम पर थोड़ी महर करो, दर्श के प्यासे कब से खड़े हम जरा इधर भी नजर करो।। (१२) श्री वासुपूज्य स्वामी वासुपूज्य प्रभु उपकारी बारहवें तीर्थंकर थे जो, असीम पुण्यशाली प्रभुवरजी जन-जन के वल्लभ थे वो। • रोहिणी नक्षत्र के समय में आराधना उनकी करना, दुष्कर्मों को दूर हटाना प्रसन्नता से मन भरना।। (१३) श्री विमलनाथ भगवंत विमलनाथ वत्सलदायक वारि बहाए समता के, तेरहवें तीर्थंकर का दर्शन तोड़े बंधन ममता के। श्यामामाता के ओ लाड़ले कृतवर्मा के कुलदीपक, एक बार तो आन बसो प्यारे प्रभवर मन के भीतर ।। (१४) श्री अनंतनाथ भगवंत अनंतनाथ स्वामी अक्षयपद से प्रभुवर तुम युक्त हुए, जन्म जरा मृत्यु के बंधन से विभुवर तुम मुक्त हुए। सिंहसेन और सुयशारानी के नंदन पावनकारी, अयोध्या के राजा तुम पर है संघ चतुर्विध बलिहारी।। (१५) श्री धर्मनाथ भगवंत धर्म के दाता धर्मनाथजी धीर-दीर गंभीर प्रभो! कर्म के भरम को मार भगाया बनकर शूरवीर विभो! सुव्रतानंदन सुव्रत देकर हम सबका उद्धार करो, भानुराजा के जाये प्रभुजी जीवननैया पार करो ।। (१६) श्री शांतिनाथ भगवंत शांतिनाथ प्रभु के दर्शन से शांति के फूल खिले, अचिरानंदन के पूजन से सुख-सम्पत्ति आन मिले। गजपुर नगर के चक्रवर्ती हो, धर्म तीर्थ के रखवाले, विश्वसेनसुत विश्वविजेता, तोडो कर्मों के जाले।। For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20