Book Title: Shrutsagar 2017 04 Volume 11
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 29
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर अप्रैल-२०१७ तेमनी कलम सर्वोतमुखी हती. कोईपण विषय एवो नथी के जेमां तेमनी कलम के प्रतिभा न चाली होय. न्याय विषयमां तेमणे 'प्रमाणमीमांसा' स्वोपज्ञ वृत्ति युक्त, 'अन्ययोगव्यवच्छोदिका, ‘अयोगव्यच्छेदिका, 'श्री वीतरागस्तवप्रकाश' वगेरे ग्रन्थो रच्या छे. तेमनी कलम घणी सखत सचोट अने असरकारक छे. तेमनुं एक एक वाक्य हृदयमां सोंसरु ऊतरी जाय छे. तेमना लखाणथी तेमने जैनदर्शननी केटली दाझ हती ए स्पष्ट समजाय छे. तेमनो प्रमाणमीमांसा' ग्रन्थ पांच अध्याय प्रमाण हतो. हालामां प्रथम अध्यायना बे आह्निक तथा बीजा अध्यागर्नु एक आह्निक एटलं मळे छे. तेटलामां पण तेओश्रीए घणोः ज संग्रह कर्यो छे. ते उपरथी समजी शकाय छे के सम्पूर्ण ग्रन्थ केटलो विस्तृत हशे? तेमनी ‘अन्ययोगव्यवच्छेदिका' उपर श्रीमल्लिषेणसूरिजीए ‘स्वाद्वादमंजरी' नामनी सुन्दर टीका बनावी छे. हालमां जैनदर्शनमां ते छूटथी वंचाय छे. तेमनी लखाण शैली उदयनाचार्यने मळती छे. तेओ 'अनुशासन' न्ते आवे एवा ग्रन्थो रचता. तेमनो एक वादानुशासन नामनो ग्रन्थ हतो, हालमां ते मळतो नथी. जैन-न्यायनो सूर्य श्रीहेमचन्द्रसूरिजीना समयमां जैनशासनरूपी नभस्तलना मध्यमां पहोंची मध्याह्ननां प्रचंड किरणोने प्रसारतो हतो. श्री जैन सत्यप्रकाश वर्ष-७, दीपोत्सवी अंकमांथी साभार (क्रमश...) क्या आप अपने ज्ञानभंडार को समृद्ध करना चाहते हैं ? पुस्तकें भेंट में दी जाती हैं आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर, कोबा में आगम, प्रकीर्णक, औपदेशिक, आध्यात्मिक, प्रवचन, कथा, स्तवन-स्तुति संग्रह आदि विविध प्रकार के साहित्य तथा प्राकृत, संस्कृत, मारुगुर्जर, गुजराती, राजस्थानी, पुरानी हिन्दी, अंग्रेज़ी आदि भाषाओं की भेंट में आई बहुमूल्य पुस्तकों की अधिक नकलों का अतिविशाल संग्रह है, जो हम किसी भी ज्ञानभंडार को भेंट में देते हैं. यदि आप अपने ज्ञानभंडार को समृद्ध करना चाहते हैं तो यथाशीघ्र संपर्क करें. पहले आने वाले आवेदन को प्राथमिकता दी जाएगी. For Private and Personal Use Only

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