Book Title: Shrimad Devchandra Part 2 Author(s): Buddhisagar Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal View full book textPage 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org. ( ८ ) एक हाथी उपर बेसवानो चढावो बोलतां वडना शा. मणीलाल लक्ष्मीचंदे भारे रकमनो चढावो बोली श्रीमद् देवन्चद्र पहेलो भाग लेइ हाथीपर बेठेला. आ उपरथी श्रीमद्ना ग्रंथो प्रत्येनो अपूर्व भक्तिभाव जगाइ आवे छे. जैन कोममां पूर्वा चार्योंना ग्रंथो खरेखर आगमोनी पेठे मनाय छे. श्रीमद्ना बन्ने भागो छपावीने बहार पडवाथी अमोने घणोज आनंद थयो छे. आ ग्रंथोमां शुद्धि कर्या छतां जे भुलो रही गएली जणाशे ते बीजी आवृतिमां सुधारी लेवामां आवशे. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मंडळ तरफथी घणां पुस्तको पडतर किंमते अने केटलांक पडतरयी पण ओछी किंमते बहार पाडवामां आवे छे. माटे आ संस्थानी कदर करनार सखी ग्रहस्थ मंडळ तरफथी पुस्तको छपाववामां सहाय करशे तो मंडळ वधारे उत्साहयी एथी पण वधारे उपयोगी कार्य बजावशे. मु० पादरा- आश्विन शुकल २ सं. १९७५ बीजी आवृत्ति छंपावता पहेलां आ ग्रंथो संबंधी जे जे महाशय योग्य सूचनाओ करशे तो बीजा प्रसंगे ते उपर पूरतु ध्यान आपवामां आवशे. इत्येवं ॐ अर्ह शान्तिः ३ } वकील मोहनलाल हीमचंद For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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