Book Title: Shrimad Devchandra Part 2 Author(s): Buddhisagar Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal View full book textPage 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५१ शा. हीराचंद केशवजी गंभीरा २५ शा. अंबालाल आशाराम २५ शा. माणेकलाल केशवजी १० शा. जेचंद केशवजी ११ शा. प्रेमचंद दलसुखभाइ पादरा १० शा. नगीनलाल मोतीलाल ,, १० शा. हीरालाल ललुभाइ । १० बाइ परसन ते वकील दलपतभाइ ललुभाइनी विधवा पत्नी,, १० बाइ समरत ते शा. कस्तुर दीपचंदनां सौ. पत्नी , ३३२० उपर प्रमाणे बन्ने भाग छपावामां मदद आपनाराओनो उपकार मानवामां आवे छे. श्रीमद् देवचन्द्रजी महाराजना ग्रंथोथी जैन कोमने अत्यंत लाभ थयो छे, थाय छे अने भविष्यमा थशे. श्रीमद् जैनाचार्य बुद्धिसागर सूरिजीए श्रीमद्नां पुस्तको सुधारवामां-प्रस्तावनी लखवामां-तेमज बने भागनु काम पुरु थतां सुधी दरेक प्रसंगे उपयोगी सूचनाओ आपवामां जे आत्मभोग आपेलो छे ते उपकारनो बदलो कोई रीते वळी शके तेम नथी एटलुज नहीं पण आ कार्य तेओश्रीना खास उपदेश अने प्रेरणाथीज उपस्थित थयुं होवाथी आ कार्यथी जैन समाजने तथा मने पोताने जे लाभ थयो छे ते सर्वना निमितभूत तेओश्रीज छे तेथी तेओश्रीनो जेटलो उपकार मानीए वेटलो ओछो छे. For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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