Book Title: Shrimad Devchandra Part 2
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 663
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org १०८४ श्री महावीर जन्म जयंती गीत पारणं. प्रभुजी तीर्थ स्थापशे समवसरणमां बेशीने, करशे केवलज्ञाने सत्य धर्म उपदेश; गणधर द्वादशांगी गुंथीने धर्म वधारशे, जेथी व्ळशे आणि व्याविना सह क्लेश. महावीर भारत घर घर ज्ञानामि प्रगटावशे, करशे दुर्गुणोनो बोधथकी संहारः सर्वे आर्यो एक स्वरूपी थइने चालशे, राजा रंक सकलने सरखा हरु निर्धार. सर्वे आर्यो दुःख बंधनने छेदी नाखशे, ऊंचा नीचानो रहेशे नहीं मन अहंकार; सहुनो न्याय यशे समभावपणे जग सारीखो, टळशे हिंसायज्ञो तथा मनुज संहार. थाशे प्रजासंवनां राज्य अने सुनीतिओ, रक्तयी खरडाशे नहीं सर्व प्रजानो संघ, राजा रैयत सर्वे आत्मरूपथी एक थइ, करशे अरसपरस साहाय्य धरी मनरंग. प्रभुजी आत्मज्ञानयी ब्राह्मण मुख्य कहावशे, क्षत्री बनीने करशे सर्व कर्म संहारः जगत्मां धर्मशूरानो क्षत्रपणाथी जगावशे, अंतर वैश्य बनीने करशे गुण व्यापार. केवलज्ञानी बनीने सेवा सहनी सारशे, गामोगाम करीने पादथकी विहार; सेवाधर्मतणो फेलावो करशे विश्वमां, चतुर्विध संघ बनावी करशे जग उद्धार. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private And Personal Use Only आ० १८ आ० १९ आ० २० आ० २१ आ० २२ आ० २३

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