Book Title: Shrimad Devchandra Part 2
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
श्री महावीर जन्म जयंती गीत परिणं.
१०८३
-
वीरान एक हजार ने लक्षण आठे शोमता, तेथी जाण्या चोवीशमा मोटा जिनराज; केशीकुमर मुखथी त्रिशला जाणी गावती, रुडां हालरडानां गीतो गुण शिरताज. आ० १२ जगमां जोर प्रगतुं ज्यारे हिंसा पापर्नु, करतां नरनारीओ त्राहि त्राहि पोकार जगमां जुल्म घणा ने अंधकार अज्ञाननो, त्यारे सार्थभरनो जन्म दाय मिर्धार. आ० १३ भारत आर्य देशमां सोनाथरज उगीयो, आजे जाग्युं भारत सर्व देश गुरुराज साथे जन्म्या राइक गणधर आदि ऋषियो, जन्म्या दैवी पीयो पारवा संघे साज. आ० १४ रुडं भारतनुं टाप फळ्युं जिनेश्वर जन्मथी, करवा सर्व वेदनो साचो अर्थ प्रकाश; जन्म्या जाण्या इंद्रादिना वचने भारते, पाम्या ऋषि तपस्वी योगीयो उल्लास. आ० १५ बंदीखानेथी छोड्या सवळा बंदिजनो, भारत देश नगरमां उत्सव बहुला थाय; नगरमा नाटारंभो ठेर ठेर थाता घणा, अमरापुर समं क्षत्रीकुंड सुख उभराय. आ० १६ प्रभुने जोवा आवे देवदेवी नरनारीओ, जोषी जोगीओ सह जोवा आवे दोडि; वरसे सिद्धारथ घर कंचननी खुब कोडीओ, प्रभुनी जगमा जोतां मळे न बीजी जोड, वीरना वेजथकी कोई करे न जगमां होड़- आ० १७
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670