Book Title: Shrimad Devchandra Part 2
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 664
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री महावीर जन्म जयंती गीत पारj. १०८५ साची भक्ति साचां को ज्ञाने जणावशे, विचारो आचारोमा थाशे बहु उदार; दयानो फेलावो करशे भारतमां भावथी, घरोघर पंखीओ माळा करशे निर्धार. आ० २४ जीती रागद्वेषने दुनिया करशे निर्मली, आर्यों जैनो जिनने अनुसरशे दिनरात; ब्राह्मण आत्मज्ञानीओ बनीने विश्व जगावशे, नवलं रुडं प्रगट्युं भारतनुं परभात. आ० २५ चारे वर्णो रुढिबंधन खोटां त्यागशे, घरोघर आत्मज्ञाननां प्रगटाशे बहुसूत्र; साचा व्यवहारो वर्त्ताशे साची नीतियी, ज्ञानीपो योगी थाशे भारत माता पुत्र. आ० २६ घरोघर ब्रह्मभावना यज्ञो शुभ प्रगटावशे, जिनजी चोवीशमो महावीरतणो अवतार भाखे भविष्य केशी इंद्रो ने बहु ऋषियो, एवं मुणीने हरख्यां भारतनां नरनार. आ० २७ जयंती वीर प्रभुनी उझवे सुर नर नारीयो, वों त्रण भुवनमां जन मनमां आनंदा प्रगट्यो सात्विक आनंद माय न लोकालोकमां, नाठा मोहरायना सबळा सपळा फंद. आ० २८ चैतर तेरस महावीर जन्म जयंती उझवी, सुरपति इंद्राणीओ नंदीश्वरमां जाय; मांडे अठाई महोत्सव त्यां भावे भावना, त्यांयी देवलोकमां पहोंचीने हरखाय. आ० २९ For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 662 663 664 665 666 667 668 669 670