Book Title: Shravak Nitya Krutya
Author(s): Jinkrupachandrasuri
Publisher: Nirnaysagar Press

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Page 168
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (१५९) सुव्रत नाण बलिहारीरे । श्रेयांस तेरस दीक्षाधारीरे । वासुपूज्य चउदश जन्मसारी । सुज्ञानी कल्याणक तप करियेरे ॥ २८ ॥ अमावस संजम लीजेरे । अरनाथ चव्या सुदि बीजेरे । मल्लि जिन चोथ लहीजे । सुज्ञानी कल्याणकतप करियेरे ॥ २९ ॥ आठम संभव चव्या सुविहांणरे । मल्लि बारसनिर्वाणरे । मुनिसुव्रत दीक्षा जांण । सुज्ञानी कल्याणकतपकरियेरे ॥ ३० ॥ फागुन चोमासा सेवोरे । भाव होली करि फल लेवोरे । हिव चैत्र मासमें बेवो । सुज्ञानी कल्याणकतपकरियेरे ॥ ३१ ॥ इति फागुण मास० ॥ वदि चोथपार्श्व चव्या नांणरे । पंचमि चंद्र चवन मन आणरे । आठम रिषभ जनम चरण जाण । सुज्ञानी कल्याणक तप करियेरे ॥ ३२ ॥ तीज धवल कुंथुनाथ नाणरे । अजितनाथ पंचमि निर्वाणरे । संभव अनंत सिवपुर ठाण । सुज्ञानी कल्याणक तप करियेरे ॥ ३३ ॥ सुमति नवम निर्वाण लहीजेरे, इग्यारस ज्ञान कहीजेरे । तेरस वीर जन्म ग्रहीजे । सुज्ञानी कल्याणक तप करियेरे ॥ ३४ ॥ चैत्री पद्मप्रभु ज्ञान मासे । अष्टापद ओली भासेरे । कृपाचंद्रसूरि सुविलासेरे । सुज्ञानी कल्याणक तप करियेरे ॥ ३५ ॥ इति चैत्र मास० ॥ (ढाल ४) विमलगिरि यात्रा नवाणुं करिये ॥ एदेशी० ॥ भविजन पूनिम पर्खने सेवो । सेवी शिवसुख लेवोरे ॥ भविजन ॥ टेर० ॥ वैशाखवदिपडिवाकुंथुसिव । दूज शीतल निर्वाण । पांचम कुंथु संजमलीनो । छठ शीतल चवन जाणरे ॥ भ० ॥ ३६ ॥ नमि दशमी शिवमंदिर पाम्यो । अनंत तेरस जन्म जांणो । चवदश चरण ज्ञान कुंथुजन्म्या । सुदिचोथ चतुर्थ (अभिनंदन) चवाणोरे ॥ ३७ ॥ धर्मच्यवन सातम For Private And Personal Use Only

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