Book Title: Shikshan Prakriya Me Sarvangpurna Parivartan Ki Avashyakta
Author(s): Shreeram Sharma, Pranav Pandya
Publisher: Yug Nirman Yojna Vistar Trust

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Page 59
________________ ५८ शिक्षण प्रक्रिया में सर्वांगपूर्ण परिवर्तन की आवश्यकता जोड़ते हुए चला जा सकता है। इन्हें युग धर्म का शाश्वत धर्म का नाम देकर सार्वभौम स्तर पर लागू किया जा सकता है। इन सूत्रों को छात्रों तक पहुँचाने में कठिनाई नहीं होती, परंतु उन्हें यह सूत्र रटा भर देने से काम नहीं चलेगा। इनके महत्त्व, प्रतिफल आदि समझाने होंगे। व्यावहारिक रूप देने में आने वाली कठिनाइयों का समाधान करना होगा। यह सब कार्य जन-जीवन के अथवा ऐतिहासिक धार्मिक कथाओं के उदाहरणों के माध्यम से किए जा सकते हैं। जिन धार्मिक विश्वासों से संबद्ध छात्र हों, उन्हीं धाराओं के उदाहरण अधिक ग्राह्य हो सकते हैं। यह सब ताने-बाने थोडी-सी रुचि लेने से ही बुने जाने संभव हैं।

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