Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 12
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 344
________________ सिरिविजयप्पहसूरि-रज्जे सिरिविणयविमलकविराया। सिरिधीरविमलपंडिंय-सीसेण णयाइविमलेण // 23 // // 1 // . // 2 // // 4 // // 5 // ॥युगशमिलानामा नवमो दृष्टान्तः // पढमो लवणसमुद्दो जोयणदुगसयसहस्सविच्छिण्णो / मित्तुव्व जंबूदीवं बाढमालिंगसंठियो सययं परिही तिलक्खसोलस-सहस्स सगवीसदुसयजोयणयं / तिगउअडवीसधणुसय-साहियमद्धंगुलं चऊद नवलक्खा अडयाला सहस्स छसयाई जोयणाई तहा। तेसीइ उवरि जोयण पमाणपरिही तहा मज्झे पणदसलक्खेगासी-सहस्सगुणिआल अहियसयमेगं / एसो बज्झो परिही पण्णत्तो सव्वदंसीहिं तत्थत्थिगवरि तित्थं जोयणदससहस्सपमाणयं मज्झे / पणनउइजोयणसहस्सा-तिक्कमे उभयपासम्मि तम्मज्झ देसभाए पायालनिवा य वज्जरयणमया / वडवामुह 1 केऊर 2 जूव 3 ईसर 4 णामया चउरो जोयणलक्खपमाणा मज्झे जोयणसहस्सदस य मुहे। मूले तम्मि पमाणा तह जोयणसहस्सबाहल्ला जत्थ य. जोयणसोलस-सहस्समाणा सिहा जलस्सावि / तम्मज्झे हु निलीणा सूरा वि हवंति सीयत्ता जत्थ महमच्छकच्छव-पीठपाठीननक्कचक्कोहो / जलकल्लोलक्खुब्भिय-दिसिचक्को जलयराइण्णो तइ केइ दुण्णि देवा अच्चब्भुयचरियकोउहल्लेण / जुगछिड्डाओ समिलं विजोज़इत्ता लडं चेव - 334 // 6 // // 7 // // 8 // // 9 // // 10 //

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