Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 12
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 348
________________ // 22 // // 23 // // 24 // // 25 // // 26 // पट्ठामि कया वि पुणो मिलिज्ज तेणू हविज्ज सो थंभो / इय पेच्छंतस्स वि से वाससहस्साइ णेगाई वोलीणाणं तेसिं अणूण जोगो णया वि सो थंभो। संजाओ तह एसो मणुआण चुओ मणुयभावो परमाणुखंभपीसण-सुरनलियामेरुखेवदिटुंता / तग्घडणा वाऽणुचया मणुअत्तं भवसमुद्दम्मि जह सो जंबूद्दीवो तह जिणपण्णत्तधम्मसासणओ। जह मंदरगिरिचूला तह धम्मासेवणा जाण जह देवो तह भव्वत्त-परिणामो सुंदरो मुणेअव्वो। थंभु व्व सुसम्मत्तं अणेगगुणाणूहि पडिपुण्णं उम्मग्गवयणघरट्ट-पट्टेहिं पीसिओ तहा थंभो। संका नलिया जं तम्मि जोइज्जा तत्थ कइया वि विगहाकसायअइखर-पवणपयारेहिं दंसणक्खंभो। .. पइअणुयं तह पिट्ठो जहा पुणो होउं दुस्सक्को एवं मणुअभवम्मि सम्मत्तं पाविऊण निग्गमियं। खंभस्साणुयपीसण-दिटुंतेणेव तं दुलहं इय दसमो दिटुंतो परमाणुअणामओ मए विणिद्दिट्ठो / नरभवलद्धट्ठाए लिहिओ पवयणसंमुद्दाओ सिरविजयप्पहसूरि-रज्जे सिरिविणयविमलकविराया। सिरिधीरविमलपंडिय-सीसेण णयाइविमलेण // 27 // // 28 // // 29 // // 30 // // 31 // .. ॥द्वितीयदशमो दृष्टान्तः॥ इह काइ सहा महई अणेगखंभसयसनिवेसिल्ला / कालेण जलणजाला-करालिया पाविया पलयं // 1 // 336

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