Book Title: Shantipath Pradarshan
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Jinendravarni Granthamala Panipat

View full book text
Previous | Next

Page 340
________________ सल्लेखना काल में जल ग्रहण करते हुए श्री जिनेन्द्रवर्णी जी (ब्र० अरिहन्त, ब० मनोरमा, ब्र० निर्मला, ब्र० बाबुलाल व अन्य भक्तगण) सल्लेखना काल में विश्राम करते हुए व आचार्य श्री विद्यासागर जी के सान्निध्य में श्री जिनेन्द्रवर्णी जी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 338 339 340 341 342 343 344 345 346