Book Title: Sazzay Sangraha Part 01
Author(s): Sagarchandrasuri
Publisher: Gokaldas Mangadas Shah

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Page 11
________________ १२८ गाथा. पृष्ट. अठार पापस्थान परिहारनी सल्झायो. २४१ १२१थी१५६ १ जोवहिंसा परिहार सज्झाय. .. ... ९ १२१ - २ असत्य परिहार सज्झाय. १२३ ३ अदत्त परिहार सज्झाय. ... ९ १२५ ४ मैथुन परिहार सज्झाय. ... १५ १२६ ५ परिग्रह परिहार सज्झाय ६ क्रोध परिहार सज्झाय. १५ ७ मान परिहार सज्झाय. - ८ माया परिहार सज्झाय. १३५ ... . ९ लोभ परिहार सज्झाय. १० राग परिहार सज्झाय. ११ द्वेष परिहार सज्झाय .... . १२ कसह परिहार सज्झाय. ... ११ १४४ १३ अभ्याख्याम परिहार सज्झाय.... १४५ ...१४ पैशुन्य परिहार सज्झाय. १५ असतिरति-परिहार सज्झाय. ... १३ १४८ .१६ परपरिवाद परिहार सज्झाय. ... १७ मामिषा परिहार सज्झाय. ... १८ मिथ्यात्व शल्य परिहार सज्झाय.

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