Book Title: Savruttik Aagam Sootraani 1 Part 33 Pindniryukti Mool evam Vrutti Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Vardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana View full book textPage 9
________________ आगम (४१/२) [भाग-३३] “पिण्डनियुक्ति”- मूलसूत्र-२/१ (मूलं+नियुक्ति:+वृत्ति:) मूलं [-] » “नियुक्ति: [-] + भाष्यं -] + प्रक्षेपं -" . पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र-[४१/२] मूलसूत्र-[०२।२] पिण्डनियुक्ति मूलं एवं मलयगिरिसूरि-रचिता वृत्ति: प्रत गाथांक नि/भा/प्र gaoooooooooooooooooooooooooodaaes श्रेष्ठि देवचन्द्र लालभाई-जैनपुस्तकोद्धारे अन्याङ्कः ४४. श्रीमद्रबाहुस्वामिप्रणीता-सभाष्या-श्रीमन्मलयगिर्याचार्यविवृता . श्रीपिण्डनियुक्तिः॥ ||-|| QQQQQQQQQQQQQ दीप Spopo Oppppppẽ अनुक्रम प्रसेधिका-शेठ देवचन्द्र लालभाई जैनपुस्तकोद्धारभाण्डागारसंस्था विख्यातिकारका-शाह नगीनभाई घेलाभाई जहेरी अस्पैक कार्यवाहक मुंबई ४२६ झवेरीबजार । [अस्य पुनर्मुद्रणायाः सर्वेऽधिकारा एतज्ञाण्डागारकार्यवाहकाणामायत्ताः स्थापिताः भगवडीरस्य १४४४ किमनूपस्य १९४४. इसनिस्ते. १९१८. प्रथम संस्करणम् । प्रतयः १००० निर्वेशः सा रूप्यक: Rs. 1-8-0. -1 . 8ppppppppppppppppppppppppppppppẽ FOTO पिण्डनियुक्ति सूत्रस्य मूल “टाइटल पेज"Page Navigation
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