Book Title: Savruttik Aagam Sootraani 1 Part 22 Chandrapragyapti Mool evam Vrutti
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Vardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana

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Page 5
________________ [भाग-२२] श्री चन्द्रप्रज्ञप्ति (उपांगसूत्रम्-१७) नमो नमो निम्मलदसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः "चन्द्रप्रज्ञप्ति" मूलं एवं वृत्ति: मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीता वृत्तिः ] ['चन्द्रप्रज्ञप्ति सूत्रस्य मलयगिरि रचित वृत्ते: हस्तप्रतस्य आधारेण एवं पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरैः संपादित 'सूर्यप्रज्ञप्ति' सूत्रस्य साहायेन ] (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह संकलिता) पुन: संकलनकर्ता- मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.श्रुतमहर्षि) 28/07/2017, शुक्रवार, २०७३ श्रावण शुक्ल ५ 'सवृत्तिक-आगम-सत्ताणि' श्रेणि भाग-२२ श्री आगमोद्धारक-वाचना-शताब्दी-वर्ष-निमित्त 'आगम-वृत्ति-मुद्रण-प्रोजेक्ट'

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