Book Title: Saptapadi Shastra
Author(s): Sagarchandrasuri
Publisher: Mandal Sangh
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
बानी इच्छाबाळाए विचारपट वांची जोवो "उत्सूत्रतिरस्कार नामा-विचारपट " नी नकल एकज परमपूज्य आचार्यदेव श्रीभ्रातृचंद्रसूरीश्वरजीसाहेब आश्रित मांडल गाममा रहेल ज्ञानभंडारमाथी प्राप्त थइ तेना आधारे प्रेसकोपी मुनिश्री वृद्धिचंद्रजीए तैयार करी छे. ते विचारपट पण त्रणशे वर्ष उपरांतनो लखेल मालम पडे. ते विचारपटना पहेला के छेल्ला भागमां संवत के लेखकनुं नाम नथी. वस्त्रपर लखेल छे लगभग पोणो फुट पहोलो अने प्राये पनर फुट लांबोछे. एक इंच प्रमाणना शास्खिलीपीना पडिमात्रावाला अक्षरोथी लखाएल छे, अने ते जीर्णताने पाम्यो नथी पण सारी स्थितिमा छे. लखाण पण तेमां पाये करी शुद्ध छे. आ 'उत्सूत्रतिरस्कारनामा-विचारपट' भट्टारक युगप्रधानश्रीपाचचंद्रसरिवरे वि. सं. १५७५ ना कार्तिक सुदी बोजना दिवसे पाटणमध्ये लखेल छे. तेबीना विचारपटनी आदिमांज युगप्रधान आचार्यदेवे आ प्रकारे जणावेल छे:__ " स्वस्तिश्रीसंवत् १५७५ वर्षे कार्तिकशुक्ल द्वितीयायां मंगले विहित मंगले मैत्रीपवित्र मैत्रीनक्षत्रे श्रीपत्तने सुरत्राणश्रीमद् फुरसाहिराज्ये विजयिनि निजनिजनिश्रित्तगुरुनोदित संजातनिःकारणमत्सररणरणकहाजीविकानुचरो केशवंशज लोक कतिपयदिवसस्थायिपुरोगताऽमदमत्तपक्षरहित भिक्षुकोपरिपकटितगाढमबलबलशालि सा० वत्सराज सांराज देवचन्द्रैः प्रसभप्रारब्धस्वापायोपायः श्रीवीतरागप्रणीतदयारसमयश्री
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 291