Book Title: Sanskrit Margopdeshika
Author(s): Ramkrishna Gopal Bhandarkar
Publisher: Jayant Book Depo

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Page 12
________________ સાતમા પોશિકા व य-व ये २-०५-५ ध्ये २-५-५ न्याय नस न्ध नव ष्टय ५-६-५ व त-स-न ष्ण -१ स्य (स-य प्त्य Y--4 ल्क है रुप ५-५ स्थ्य -य-५ प्न ५-न लग - प्र ५-५-२ प्म ५-4 ल्प स-५ म प-म प्य ५५ ल्म - व्य ५५ ख-4 प्र ५-२ ल्य स-य प्ल ५-६ ल्ल स् स्क सप्स ५-स ल्व -१ स्ख स.स मन ब्ज म् व्य ५५ स्त स्-त मम ब्द ५-६ व्र २ स्थ सु-4 घय ब्ध -५ श्व श-य ब्य म्य स्त्र स्-५.२ थ६-२.५ ब्र ५-२ શુ-મ स्फ २-३ भण म्-५ स्म स-म द्वय ६.-4 न मन भ्य -- • श भ्र -२ श्व शव ध्म धूम भ्व - क ज्य -५ म्म भ-म क्र १-३-२ '. ध्र ५-२ म्र ५-२ . म्य भन्य ष्टय ५२.५ भन्न म्ल भन्स ष्ट्र ५-२-२ मन .. । म्व भव એવા સરળ પડે, માટે અાક્ષરમાં કાર મેળવી જોડાક્ષર આપ્યા છે. म. १-५ शु-२

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