Book Title: Sambodhi 1989 Vol 16
Author(s): Ramesh S Betai, Yajneshwar S Shastri
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 300
________________ दोहा-वर्णानुक्रमणिका -७ .. . . . अक्खरवडिया मसिमिलिया १७३ अक्खरडेहि जि गम्विया अखइ णिरामइ परमगइ अज्ज वि १६९ अखइ णिरामइ परमगइ मणु अग्गई पच्छई दह दिहहि अच्छउ भायणु ताहं घरि २१५ अज्जु जिणिज्जइ करहुलउ अणुपेहा बारह वि जिय २११ अण्णु जि जीउ म चिति तुहं अण्णु णिरंजणु देउ पर अण्णु तुहारउ णाणमउ अण्णु म जाणहि अप्पणड अत्थि ण उब्भउ जरमरणु अथिरेण थिरा मइलेण णिम्मला अन्तो णत्थि सुईण अप्पा अप्पि परिठियउ अप्पाए वि विभावियई अप्पा केवलणाणमउ अप्पा दसणणाणमउ अप्पा दसणु केवलु वि अप्पा परहं ण मेलयउ मणु अप्पा परहं ण मेलियउ आवागमणु १८५ अप्पा बुज्झिउ णिच्चु जइ २२ अप्पा मिल्लिवि एक्कु पर ११७ अप्पा मिल्लिवि गुणणिलउ ६७ अप्पा मिल्लिवि जगतिलउ जो अप्पा मिल्लिवि जगतिलउ मूढ़ अप्पा मिल्लिवि णाणमउ ३७ अप्पायत्तउ ज जि सुहु अप्पु करिज्जइ काई तसु अभितर चित्ति मइलियई अम्मिए इहु मणु हत्थिया अम्मिए जी पर सो जि पर अम्हहिं जाणिउ एक्कु जिणु अरि जिय जिणरि मणु ठयहि र मणकरह म रइ करहि अवघउ अवरु जं उम्पज्जइ असरीरहं संधाणु किउ अंबरि विविहु सद्दु जो सुम्मइ आपदा मुर्छितो वारि० आभुजता विसयमुह आयई अडवड वडवडइ आराहिज्जइ काई दिउ इंदियपसरु णिवारियई इंदियविसय चएवि बद उपलाणहिं जोइय करहुलउ उप्पज्जइ जेण विबोहु ण वि उम्मणि थक्का जामु मणु १०४ उम्मूलिवि ते मूल गुण २१ उववास विसेस करिवि बहु उववासह होइ पलेवणा २१४ उज्वलि चोप्पडि चिट्ठ करि उव्वस बसिया जो करइ एक्क ण जाणहि वडिय एक्कु सु वेयइ अण्णु ण वेयई एमइ अप्या झाइयइ १७२ कड्ढइ सरिजलु जलहि विपिल्लिउ १६७ कम्महं केरउ भावडउ कम्मु पुराइउ जो खवइ...परम कम्मु पुराइउ जो खवइ...अणुदिणु १९३ करहा चरि जिणगुणथलिहिं कायोऽस्तीत्यर्थमाहारः २१८ कालहिं पवणहिं रविससिहिं कासु समाहि कर १३९ . . G ११२ १३६

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